पर्यावरण दिवस – एस.के.पूनम।

🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 मनहरण घनाक्षरी पर्यावरण दिवस(ठान लिया मन है) बढ़ रहा तापमान, धरा सहे अपमान, सांसे ले ठहर कर,प्राण वायु कम है। अरण्य सिमट रहा, घोंसला उजड़ रहा, रेतों…

धोखे से बचाता हूँ – एस.के.पूनम।

कृष्णाय नमः मनहरण घनाक्षरी (धोखे से बचाता हूँ ) चलें चल पाठशाला, देखो खुल गया ताला, गुरु खड़े द्वार पर,उनको बुलाता हूँ। वर्णमाला सीखकर, गोल-गोल लिखकर, दादा-दादी नाना-नानी,सभी को लुभाता…

प्रभु को अभिनंदन- एस.के.पूनम

जलहरण घनाक्षरी (प्रभु को अभिनंदन) विमल सकल काज, अवध नृप के राज, अयोध्या में बजे साज,करें हर्ष से वंदन। स्वागत में खड़े भ्राता, मधुर उल्लास पाता, वसुंधरा पर दाता,लगे तिलक…

उसके रिझाने से – एस.के.पूनम

जाग कर कई रातें, स्वप्निल है मेरी आँखें, प्राप्त हुई दिव्य ज्योति,तम मिट जाने से। फैल गया उजियारा, छिप गया नभ तारा, बगिया में फूल खिले,पौधे सींच जाने से। मंडराता…

देवी को स्वीकार है – एस.के.पूनम।

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी। सप्तमी को पट खुले, उपासक झूम उठे, अष्टमी को पंड़ालों में,भक्तों की कतार है। नर-नारी ध्यान मग्न, प्रज्वलित ज्योत पूंज, लेकर सौभाग्य आईं,देवी का सत्कार है।…

ज्ञान चक्षु अब खोल – एस.के.पूनम

विधा:-रूप घनाक्षरी आनंद की तलाश में, भटकता यहाँ-वहाँ , पर द्वंद साथ लिए,घूम रहा गोल- गोल। चल कर थक गया, छाया में आराम किया, मंजिल है दूर अभी,अपने को रहा…

शिल्पजीवी को सत्कार – एस.के.पूनम।

विश्व धरा सृष्टिकर्ता, अद्भुत हैं विश्वकर्मा, दुनिया है अलंकृत,नमस्कार बारम्बार। श्रमसाध्य साधना के, अनन्त बधाइयों में, प्रणम्य प्रणेता को है एकमेव अधिकार। सुंदर द्वारिका बना, लंकेश महल बना, शिल्पकला बेमिसाल,शिल्पजीवी…