पार्वती के प्रिय पुत्र, एकदंत गणपति, आगवन घर-घर,लाए हैं आनंद साथ। मंदिरों के पट खुले, फूल माला खूब चढ़े, कुंज-कुंज शंखनाद,अंधेरे में दिखे नाथ। दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि, मध्य बैठे गजानन, भक्तों…
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हिंदी है हमारी शान – एस.के.पूनम
अजर अमर शैली, भाषा है गौरवशाली, देवगण उवाचते,धरा पर पहचान। सरल सरस वाणी, अपनाया हर ज्ञानी, शब्दावली बना कर,पिरोया मधुर गान। अथाह सागर हिंदी, मिल रहा अधिगम, विस्तारित चहुंमुखी,जगत में…
संस्कृति का हर राज – एस.के.पूनम
मेहमान यहाँ आए, भारत गरिमामय, संसार ने देख लिया संस्कृति का हर राज। अनोखा है मंडपम, संगम अतिथियों का, दिप्तमान आवारण बजते मधुर साज। पकवान सजी थाल, पहुना मोहित देख,…
नारायण करें काज – एस.के.पूनम
अंधकार कारावास, अनहोनी का आभास, तड़ित चमके नभ,नारायण करें काज। धरा ललायित सदा, प्रभु चरण चूम लूँ, समय के प्रवाह में,शीशु पग पड़े आज। ईश्वर की लीला देख, यमुना उफान…
गुरुवर आए खास – एस.के.पूनम
प्राची दिशा लोहित है, सूर्यदेव निकले हैं, बच्चे आज ताक रहे,गुरुवर आए खास। पाठशाला सज रहा, महका है श्रद्धा पुष्प, मिट गया हिया तम,आया सितंबर मास। विश्वास से लबालब, शिष्य-शिष्या…
हम भारती के लाल – एस.के.पूनम
राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…
उर भरी यही चाह – एस.के.पूनम
रात-दिन इंतजार, कर थकी नहीं आँखें, खानपान छोड़ कर,माता ताक रहीं राह । बीत गए कई साल, आया नहीं कभी खत, वत्स-वत्स याद कर,भर रहीं नित्य आह। उसे पालीं यत्न…
उर भरी यही चाह – एस.के.पूनम
रात-दिन इंतजार, कर थकी नहीं आँखें, खानपान छोड़ कर,माता ताक रहीं राह । बीत गए कई साल, आया नहीं कभी खत, वत्स-वत्स याद कर,भर रहीं नित्य आह। उसे पालीं यत्न…
हम भारती के लाल – एस.के.पूनम
राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…
चाँद पर है प्रज्ञान – एस.के.पूनम
तीव्रगामी चँद्रयान, अनमोल ध्रुव पर, विजयी विज्ञान हुआ,अद्भुत था अभियान, झाँक कर देख रहा, अतीत के पन्नो पर, साल दर साल बीते,पाया अब महाज्ञान। भारती के हर लाल, चहाता था…