रात-दिन इंतजार, कर थकी नहीं आँखें, खानपान छोड़ कर,माता ताक रहीं राह । बीत गए कई साल, आया नहीं कभी खत, वत्स-वत्स याद कर,भर रहीं नित्य आह। उसे पालीं यत्न…
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हम भारती के लाल – एस.के.पूनम
राष्ट्र के सपूत हम, मिट्टी पर गढ़ा नाम, सदा से वचनबद्ध,शत्रुओं का बनूं काल। तिरंगे को ओढ़कर, चल पड़े प्रभु धाम, संततियों से अलग,भारती के हम लाल। सोच कर परेशान,…
सोए को जगाइए – एस.के.पूनम
कलम के सौदागर, प्रमाण लेकर आज, जगत के सम्मुख खड़े,होकर दिखाइए। पन्ना-पन्ना भर गया, गहन चिंतन शोध, तिमिर को भेद कर,सोए को जगाइए। क्रांति की लालसा लिए, डूबे रहे विचारों…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
संग्राम क्यों होते रहे, संघर्ष है विचारों की, अहंभाव समाहित,मन करे परेशान। केवल मानव नहीं, प्रकृति के कण-कण, द्वंदवाद से ग्रसित,यह देख हूँ हैरान। स्वर्ण युग की लालसा, लुप्त हुआ…
बाल कविता – एस.के.पूनम
बाल मन कहाँ रुके, कहीं नहीं वह झुके, खेल खेले मस्त-मस्त,होए न पस्त कभी। नदी तीर रोज जाते, बालू से घरौंदा बने, महल हो सपनों का,नहीं सोचते अभी। सुबह को…
मनहरण – एस.के.पूनम
पहले भी छोड़ा यान, पहुँचा चँद्रमा पर, भटका था वह राह,गुमनामी में खोया। भारत की गरिमा का, इतिहास है पुराना, अनगढ़ अविष्कार कहने पर रोया। राष्ट्रवाद का अगन अभियान बन…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी बदरा लुभाए आज, रिमझिम बजे साज, कैसे करे कोई काज तन मन पाए खास। तरंगिणी भर गई, लहरें हिलोर मारी, डोल रही पनसुय्या उर्मी जगायी आस। हलधर…
मनहरण – एस.के.पूनम
जाग रहा जग बंधू, ढूंढ़े मुझे प्रिय संधू, संसार के रखवाले,आए मेरे द्वार हैं। धरे कई रुप सदा, पहचाने यदाकदा, युगों से मोहनी छवि,मुझे तो स्वीकार है। द्वापर में कृष्ण…
सृष्टि देते उपहार – एस.के.पूनम
दरिया में जल मिले, सागर में नदियाँ भी, धरती आकाश मिल सृष्टि देते उपहार। कहीं-कहीं छाँह धूप, चुभते दिलों में शूल, मिटती न तृष्णा कभी मिथक न हो प्रहार। माटी…
मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम
रुपहली आभा संग, लिए हुए लाल रंग, उदित है प्रभाकर,प्रवेश उजास का । हर्षित हो वसुंधरा, इठलाते झूमे भौंरा, हरियाली देख आए,मौसम प्रवास का। आए पंछी उड़ कर, तृण लाए…