कर्मवीर-डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

कर्मवीर जीवन कब शोक मनाता है, कर्मवीर भी मारा जाता है। उठकर प्यारे अब धीर धरो, संघर्ष से क्यों घबराता है। जीता है और हम जीतेंगे, कहो कौन हमें डराता…