महीनों के नाम आई आई जनवरी आई नए केलेंडर लाना भाई जब मौसम ने ली अँगराई तब फरवरी ने फूल खिलाई फिर आया मार्च का मौसम रंग बिरंगी होली खेले…
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नभ के ये नन्हें तारे-कुमारी अनु साह
नभ के ये नन्हें तारे नभ के ये नन्हें तारे मोतियों के जैसे प्यारे। होता नहीं अलगाव इनमें रहते बनाकर टोली जुगनुओं सा चमकते हैं खेलते आँख मिचौली दिन मे…
सृजनहार प्रभु-कुमारी अनु साह
सृजनहार प्रभु हे जग के सृजनहार प्रभु तुम हो पालनहार प्रभु। दुनिया बनाई कितनी सुंदर हरी धरती नीला समंदर नदियाँ, पहाड, चाँद, सितारे उडते रंग बिरंगे पंछी सारे मन को…
मात्राओं की पहचान-कुमारी अनु साह
मात्राओं की पहचान आओ कराएँ तुम्हें मात्राओं की पहचान जो होते हैं व्याकरण की जान पढ लिखकर तुम बनो महान पाओ जग मे ऊँचा स्थान। अ आ दोनों ही है…
चूहा जब गया मेला-कुमारी अनु साह
चूहा जब गया मेला एक चूहा बडा ही अलबेला घूमने जा रहा था मेला चुहिया से बोला वही सूट बूट निकाल दो जिसे सेठ के घर से लाया था वो…
नन्हें बच्चे-कुमारी अनु साह
नन्हें बच्चे हम नन्हें बच्चे काफी श्रम करते हैं आसमान में उडने का दम भरते हैं । मेहनत से हम इतिहास लिखेंगे धरती से आकाश लिखेंगे अपनी मातृभूमि के मस्तक…
जग में रौशन नाम करो-कुमारी अनु साह
जग में रौशन नाम करो काम करो कुछ काम करो जग में रौशन नाम करो किसी से न डरो तुम अँधेरों से लडो तुम सूरज सा चमको तुम फूलों सा…
महिनों के नाम-कुमारी अनु साह
महिनों के नाम जनवरी है वर्ष की जान फरवरी है फूलों की पहचान मार्च में आए होली अप्रैल मे रामनवमी का नाम मई है गर्मी का आगमन जून मे आम…
मेरी फुलवारी-कुमारी अनु साह
मेरी फुलवारी मैंने लगाई एक फुलवारी सुंदर-सुंदर प्यारी प्यारी । गेंदा, गुलाब, चंपा, चमेली जूही, केतकी उजली बेली । कितने सारे फूल लगाए सबके मन को ये भाए । जब…
मेला-कुमारी अनु साह
मेला एक थी गुडिया रानी बहुत होशियार और सयानी । एक दिन घूमने गई वो मेला मेले में देखा एक ठेला । बिक रही थी उस पर तरह-तरह की मिठाई…