आओ घर में देव गजानन करके वाहन मूस सवारी। तेरे दर्शन को आतुर है इस दुनिया में सब नर नारी।। माता पिता के आज्ञाकारी प्रथम पूजन के अधिकारी। भक्त जनों…
Tag: गणेश चतुर्थी
गणेश चतुर्थी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
बिगड़ी बनाने हेतु सभी तेरे द्वार आते, श्रद्धा पूर्वक भक्तों के, वंदना में झुके माथ। नारियल फल-फूल मोदक चंदन लिए, लोग तेरे द्वार खड़े, करबद्ध दोनों हाथ। मंदिरों में भीड़…
वंदना में झुके माथ – एस.के.पूनम
पार्वती के प्रिय पुत्र, एकदंत गणपति, आगवन घर-घर,लाए हैं आनंद साथ। मंदिरों के पट खुले, फूल माला खूब चढ़े, कुंज-कुंज शंखनाद,अंधेरे में दिखे नाथ। दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि, मध्य बैठे गजानन, भक्तों…