हिंदी – गिरिधर कुमार

हिंदी   हिन्द की आवाज, प्राकृत, पाली, संस्कृत से क्रमशः निःसृत, भारतीयता की पहचान हिंदी।   भारतेंदु से पंत तक, महादेवी से भावपूरित, निराला के अंनत तक, दिनकर की ओज…

आत्मलय-गिरिधर कुमार

देखता हूँ गौर से क्षितिज के पास लेकिन सम्मुख सा सभी कुछ के साथ स्वयं की प्रतीति ऊहापोह और विश्रांतता दोनों ही! यह तो अपना ही चेहरा है! यह तो…

राखी-गिरिधर कुमार

स्नेहसिक्त प्रेम अमोल यह बन्धन प्यारा बस अनमोल भीगी आंखें हैं बहना की भाई मूक विह्वल है यह पावन पुनीत पूजा है इस रिश्ते से धरती धवल है इस युग…