मम्मी मेरी शक्तिशाली, आधी रात उठ जाती है अंधेरे में जाग कर खाना वो बनाती है झाड़ू पोछा बर्तन कपड़े, फिर खुद जा नहाती है जूते मोजे बस्ता टिफिन हम…
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माहवारी – चांदनी समर
आओ सीमा राधा आओ खुलकर अपनी बात बताओ युग आया है परिवर्तन का छोड़ो झिझक अब ना शरमाओ खिलकर कली से हम जब फूल बनने को आते हैं अपने शरीर…
पंछी – चांदनी समर
रोको ना मुझे टोको ना मुझे, पंछी को पर फैलाने दो है आज़ादी का स्वप्न मेरा, मुझे पंख खोल उड़ जाने दो तिनके चुन रखे हैं सपनों के, मैंने परों…
बोलो जय हिंद जय हिंद जय हिंद-चाँदनी समर
बोलो जय हिंद जय हिंद जय हिंद इस मिट्टी की सौंधी खुशबू सांसों में बसाकर लाए हैं, भारत देश की गौरव गाथा तुम्हें आज सुनाने आए हैं। बोलो जय हिंद,…
बचपन के दिन-चाँदनी समर
बचपन के दिन सुबह सुबह आँखे खुलती थी चिड़ियों के चहचहाने से उठ बैठती थी अंगराई लेकर फिर माँ के बुलाने से। मीठी मीठी चाय के साथ बिस्किट का वो…