जब तक खड़ा है ,सरहद पर सेना बंदूक अपनी तान के। बाल ना बाँका , कर पाए देश का चीन हो या पाकिस्तान रे। जिसको फिक्र है अपने वतन की…
SHARE WITH US
Share Your Story on
writers.teachersofbihar@gmail.com
Recent Post
- मेरा भारत महान -नीतू शाही
- चाँद सलोना- रामकिशोर पाठक
- बालपन के अनमोल पल – अमरनाथ त्रिवेदी
- कलम हमारी ताकत है – सुरेश कुमार गौरव
- प्रेम वही करता इस जग में- अमरनाथ त्रिवेदी
- दोहावली – रामकिशोर पाठक
- सदाचार कुछ बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी
- सदाचार कुछ बचपन के – अमरनाथ त्रिवेदी
- बदलते गाँव की सूरत – अमरनाथ त्रिवेदी
- मनहरण घनाक्षरी- जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’