कत्ह जतन स पाललकै पोसलकैय । पढ़ाय लिखाय करि जमीनों गमैलकैय ।। घर बसाय क बाबू करैय छौ किचकिचो । हमरा घरो म रोज कचकचो…।। हे गे माय जरा बाबू…
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अम्बेडकर सम्मान- जयकृष्ण पासवान
जीवन के अंधकार डगर में, सूरज संग ज्योत जगाई है। अधिकार, साहस का पूंजी, देकर आत्म सम्मान दिलाया है।। गरल थे हम इस धरा पर, मानव बन पशु समान ।…
स्नेह -जयकृष्ण पासवान
हर रंग- रंग के अंग -अंग में, पावन रस भर जाता है। खुशियों की तू इत्र है मानो, रोम-रोम महक जाता है ।। दरिया के हर बूंद- बूंद में, प्रेम…
मंहगाई – जयकृष्ण पासवान
बिन गोली तलवार बिना, कमर टूट रही है। भारत के कोने -कोने में, हहकार मच रही है ।। कौन है भाई ,कहां का भाई वह है महंगाई ,वह है महंगाई।…
अदृश्य शक्ति -जयकृष्ण पासवान
कण-कण में तू व्याप्त है, निराकार बनके मौन । हर लम्हा होता महसूस तेरा, तेरे बिना उबारे कौन।। विश्वास फूल की माली बनी, सुगंध तेरा बसेरा। भंवरे तो परागन ले…
दोस्ती – जयकृष्ण पासवान
दोस्ती तो दिल का बंधन है, दोस्ती ललाट का चंदन है। दोस्ती तो सागर में लहरों के समान है, दोस्ती पहाड़ों में झरनों के समान है।। दोस्ती तो फूलों में…
पत्नी- जयकृष्ण पासवान
पत्नी एक एहसास है , पत्नी तो खुदा की इबादत है। पत्नी घर का श्रृंगार है, पत्नी तो दुर्गा और काली का अवतार है ।। पत्नी एक विचार का मिलन…
नारी शक्ति -जयकृष्ण पासवान
चंडी की अवतार तू अबला, जग है तेरे रखवाले। रुप धारण की आन पड़ी है, अब तेरे किस्मत उजियारे।। “धधक रहा ज्वाला मन की” इसको तुम प्रतिकार करो। झुको नहीं,रूको…