ठंडा पड़ल छै पुसो म, लगाय छी माथो घुसो म। नौकरी में मंदा मत पूछो, पढ़ाई में धंधा मत पूछो।। आॅफिसो म चंदा मत पूछो, आरु नज़रों म अंडा मत…
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प्रतीक्षा-जय कृष्णा पासवान
आंखों की रोशनी भी, जुगनू बन-कर देखता रहा । समंदर से मोती भी गोता लगाकर निकालता रहा ।। कोई फरियाद नहीं है, खुदा से मेरे ‘मगर’ उनकी – परछाइयों को…
यादें- जय कृष्णा पासवान
एक -एक सिसकियां- फिजाओं की खुशबू बांट रहे थे। पल-पल इन्तजार उस धड़ी का मानों आंखें मचल रहे थे। किया ख़्वाब सजाया था, खुदा मेरे हरेक लम्हों में पुरा हो…
चुनाव – जय कृष्णा पासवान
गली मोहल्ले में आज इतना शोर-गूल क्यों है। जो लोगों को कभी समझा ही नहीं।। उनमें आज विकास की होड़ क्यों है। लगता है कहीं चुनाव तो नहीं है।।२ आज…
दिल के आंसू -जय कृष्णा पासवान
दुनिया के हर सितम, मुझपे छलकती है । मगरूर है ज़माना देखो, क्या मजाक उड़ाती है।। “तपता है दिल मेरा” अरमान कुचल जाते हैं। रूखी- सूखी रोटी से, अपना दम…
कुदरत का कहर- जय कृष्णा पासवान
कुदरत किया कहर वर्षाया, प्रकृति संपदा बचाने को । “स्वच्छ मन पावन रिश्ता” निर्मल गंगा बहाने को ।। पाप की पुंजी भर गया, मानवता केअस्तित्व मिटाने को । “हवा का…
सुखाड़ -जय कृष्णा पासवान
गगन मस्तक पर ना ओश की बूंदे। ” घटा की गर्जना ना करे पुकार ” मेंढक झुंझुर सब बिछुप्त पड़ गये ,सावन बन गए जेठ आषाढ़।। अब की महंगाई बना…