जय गंगा मैय्या-कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

जय गंगा मैय्या हर हर गंगे, नमामि गंगे। पतितपावनी, मोक्षदायिनी गंगे। भगीरथ के तपोबल से गंगा, वैकुण्ठ छोड़ धरा पर आई। महादेव के जटा में समाकर, निर्मल धार धरा पर…