स्वातंत्र्य कुसुम-दिलीप कुमार गुप्ता

स्वातंत्र्य कुसुम अति पावन शुभ मंगल वेला आर्यावर्त मुक्ति स्वर्णिम दिवस चतुर्दिक छायी हरियाली निस्सिम प्रखर धवल व्योम अनवरत प्रगति छंद गुंजन अंतस छटा स्वच्छ चक्र महान सत्य अहिंसा अहर्निश…

रक्षाबंधन-दिलीप कुमार गुप्ता

 रक्षा बंधन  सुमधुर स्नेहिल प्रीत का विश्वास भरा पावन बंधन बांध कलाई रेशम की डोरी शुभ संस्कार भरा रक्षा बंधन । सुमंगल थाल सजाती बहना भैया हर पल हिय मे…

मित्रता-दिलीप कुमार गुप्ता

मित्रता  मित्र संग बंधी जीवन की डोर विश्वास भरा इक स्वर्णिम भोर धूप छांव मे हाथ बंटाये सखा सखा के काम जो आए इससे जीवन मे जागृत स्फूरणा मिटे क्लेश…

क्षितिज के पार-दिलीप कुमार गुप्ता

   क्षितिज के पार  हिम वेदना को पिघलाने नयनो के अश्रुकोश लुटाने विकल मन को त्राण दिलाने अन्तर्मन छवि पावन बसाने आओ चले क्षितिज के पार । कुत्सित भाव विचार…

इस माटी की शान बढ़ाएँ-दिलीप कुमार गुप्ता

 इस माटी की शान बढाएँ  जलाकर स्वदेशी सुगंधित गुलाल लगाएँ पतंग उड़ाकर स्वदेशी स्वाभिमान का तिरंगा फहराएँ आओ! स्वदेशी अपनाएँ इस माटी की शान बढाएँ । लाखों हाथों को काम…