नया साल है, नई उमंगे, नई दिशाएँ। नई आशाएँ, मन में हिलोरें, मार रही है। ख्वाब जो अधूरी रह गई, मन की बात जो पूरी नहीं हुई है, आगे पलको…
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पढ़ाई -दीपा वर्मा
दुहाई है दुहाई हाय ये पढ़ाई । कभी नन को नही भाए यह जालिम पढ़ाई । मम्मी कहती..पापा कहते दादी कहती..दादा कहते समी कहते, पढो पढ़ो। खेलकूद हो गया मुश्किल…
दोस्ती – दीपा वर्मा
दोस्ती कोई स्वार्थ नही , एक विश्वास होती है..। एहसास से बना एक रिश्ता , जो बहुत खास होती है। लाखो मे कुछ खुशनसीब होते है, जिनहे सच्ची दोस्ती नसीब…
बालदिवस -दीपा वर्मा
चाचा नेहरू का जन्मदिन आया, संग अपने बालदिवस लाया। चाचा को था बच्चों से प्यार, खूब बांटते थे प्यार-दुलार। पंडित जवाहरलाल से चाचा नेहरू कहलाए। बड़े-बच्चे सबके मन भाए। पहले…
बिन बस्ता – दीपा वर्मा
बच्चो की खुशी का ठिकाना नहीं है, बस्ता लेकर शनिवार को जाना नहीं है। पूरे हफ्ते इंतजार होगा इस दिन का , नाचना-गाना है, कोई मन से बीमार नहीं है।…
वो बचपन की यादे -दीपा वर्मा
वो प्यारा सा बचपन मेरा, वो मिट्टी के बरतन और कागज के नाव बनाना, कभी-कभी याद आ ही जाती है। आपस में लड़ना, फिर एक-दूजे को मनाना। वो छोटा सा…
वक्त बदल गया- दीपा वर्मा
क्या से क्या हो गया, वक्त यू क्यू बदल गया। इंसान की पहचान खो गई, इंसान के व्यवहार से इंसान दहल गया। न हम रहे न हम, न तुम रहे…