मिलता है बहुत मुश्किल से मानव शरीर। गलत दैनिक क्रिया से रोग पालते है गंभीर।। समय रहते योग के महत्व को समझना और समझाना है। अभी भी देर नहीं हुआ…
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छोटी सी – धीरज कुमार
एक छोटी सी उम्मीद पर.. हम बड़े – बड़े काम कर जाते है। एक छोटी सी सफलता की रौशनी में…. सफल हो कर हर काम पूरा कर लेते है। एक…
चलना है थोड़े -थोड़े- धीरज कुमार
हैं पग- पग पर रोड़े। चलते रहना है थोड़े -थोड़े।। बढ़ते कदम अब रुकने वाले नहीं है। इरादे मजबूत रखे चले कितने भी कोड़े।। है बुलंद इच्छाशक्ति पत्थर सी। चला…
हमारा पहनावा हमारी संस्कृति- धीरज कुमार
हर भारत के वासी है, भारतीयता है पहचान हमारी। दुनिया के लोगो के बीच पहनावे से होती पहचान हमारी।। पश्चिमी फैशन को अपनाना यदि शौक है हमारी। भारतीय संस्कृति की…
छठ पर्व की स्वच्छता हर रोज- धीरज कुमार
आते ही छठ पर्व सुंदर लग रहा है आस -पड़ोस। ऐसे ही साफ सफाई रहती हमेशा हर रोज।। स्वच्छता के पैमाने पर भी आगे रहते हम लोग। काश ! छठ…
रिश्ते – धीरज कुमार
हर किसी से सीधा रिश्ता किसी का जुड़ा है नही। हर किसी के लिए सीधे जुड़ कर रिश्ते बनाते हैं नहीं । कुछ रिश्ते कब ,कैसे और कहां बनेंगे ये…
गणित की आकृति-धीरज कुमार
गणित की आकृति आओ बच्चो आज पहचाने गणित की आकृति। आस-पास में देख कर पहचान कर लो तुम भी। गोल-गोल दिखती है मेरे मम्मी की रोटी। रोटी की आकृति…
बेटी और बहु-धीरज कुमार
बेटी और बहु जन्म लेती है जब घर में। बेटी लक्ष्मी कहलाती है।। लक्ष्मी आई है घर में। मां के गोद में बेटी मुस्काती है।। बेटी को बड़े दुलार प्यार…
बेटी पर मुझको नाज़ है-धीरज कुमार
बेटी पर मुझको नाज़ है मेरी बेटी मेरे सर का ताज है गर्व है मुझे खुद पर की, एक बेटी के हम बाप है। जबसे मेरे घर आई बेटी मेरी…
अपनी हिंदी-धीरज कुमार
अपनी हिंदी हर हिंदुस्तानी के दिल की धड़कन है अपनी हिंदी। माथे पर महिला के सुशोभित है जैसे बिंदी। गर्व होता है कि मेरी मातृभाषा है हिंदी। जैसे सभी नदियों…