कृष्ण गीता का सार है, कृष्ण कंस का संहार है। कृष्ण प्रचंड भद्र काल है, कृष्ण देवकी-यशोदा के लाल है।। कृष्ण जीवन का सार है, कृष्ण मधुरता की रसधार है।…
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गुरू की महिमा अपरम्पार- नरेश कुमार ‘निराला’
गुरू की महिमा अपरम्पार गुरू ब्रह्मा है गुरू विष्णु है गुरू ही है भगवान महेश, गुरू ही ज्ञान की गंगा बहाते गुरू संगत मिट जाते क्लेश। गुरू बिन ज्ञान न…
प्रीत का बंधन राखी-नरेश कुमार ‘निराला’
प्रीत का बंधन राखी सावन की पड़ रही फुहार। आया राखी का त्योहार।। पूर्णिमा का यह दिन कमाल। सजाके लाती बहना जब थाल।। धागे का एक ऐसा बंधन। बहना लगाये…
आज़ादी की गाथा-नरेश कुमार ‘निराला’
आजादी की गाथा ब्रिटिश से आजादी मिलने पर युवा भारत इतराया था, दिल्ली के लाल किले पर मुक्ति का झंडा फहराया था। सरफरोशी की तमन्ना जब भारतीयों ने झूम-झूम कर…
तोता-नरेश कुमार “निराला”
तोता हरे रंग का सुन्दर तोता प्यारा सा मनमोहक तोता, सीताराम दुहराता तोता सबके मन को भाता तोता। पिंजरा देख डर जाता तोता लाल चोंच दिखलाता तोता, हरी मिर्च को…
योग स्वयं को जानने की कला है- नरेश कुमार ‘निराला’
योग स्वयं को जानने की कला है भारत के इस प्राचीन सांस्कृति को अब मिलजुल कर आगे बढ़ाना है, पूरी उत्साह और अनुशासन से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाना है। योगाभ्यास…
साइकिल की सवारी- नरेश कुमार “निराला”
साइकिल की सवारी दो पहिये की अनोखी सवारी हर बच्चे को लगती है प्यारी, अनपढ़-ज्ञानी इसे सभी चलाते होती न किसी को कोई बीमारी। इसकी कीमत काफी कम है बिना…
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस- नरेश कुमार “निराला”
विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस हर महीने वेदना से भरा वो दिन हर एक स्त्री के जीवन में आता है, प्रजनन चक्र का प्राकृतिक हिस्सा यही तो मासिक धर्म कहलाता है।…
प्रतीप शब्दों का ज्ञान-नरेश कुमार “निराला”
प्रतीप शब्दों का ज्ञान आओ बच्चो तुम्हें बतायें विलोम शब्दों का ज्ञान करायें, सुबह का उल्टा होता शाम काम का विलोम है आराम। अगला का तुम पिछला बोलो साधु का…
हे वसुधा तूझे शत शत प्रणाम-नरेश कुमार “निराला”
हे वसुधा तूझे शत-शत प्रणाम भू, भूमि, क्षिति, धरणी, धरित्रि ये सब धरा के पर्यायवाची नाम, वसुंधरा से हमें मिलती है जीवन वेदों ने माना इसे माँ के समान हे…