पहला पग-नितेश आनन्द

पहला पग आया तो था खाली हाथ हीं वो, लेकिन उम्मीदों से भरा पड़ा था वो। एक सिकन जरूर थी चेहरे पर उसके, क्या घर की ममता मिल पाएगी यहां…