पाठशाला से रिश्ता वह खड़ा है पाठशाला के द्वार पर, पार किया है उम्र का छठा सावन, बाल-सुलभ मुस्कान है अधरों पर, सजल नयनों में है आशा का दीप। अंग-सौष्ठव…
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