हुआ सबेरा जाग उठा जीवन प्रभात! धरा की दूब पर मोती स्वरुप ओस हैं पड़े मंद-मंद वयार ताजगी के फूल खिले हैं अड़ें ओस की बूंदें धरती का करे शीतल…
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प्रकृति की सुंदरता-ब्यूटी कुमारी
प्रकृति की सुंदरता तिमिर दूर कर प्रभा विखेरती सूरज की किरणें, नव प्रभात की नई किरण में कलियां है मुस्काती। आओ प्यारे बच्चों देखो धरती की हरियाली, चिड़िया गाती गीत…