माँ सरस्वती का आराधक पुस्तक का हूं मैं अनुयायी गुरुकृपा से ही रग रग में मेरे लेखन की कला उभर आई समय चक्र सदा एक समान नही रहता जग में…
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वे मुस्काते फूल नहीं – मनीष कुमार शशि
वे मुस्काते फूल, नहीं जिनको आता है मुर्झाना, वे तारों के दीप, नहीं जिनको भाता है बुझ जाना; वे नीलम के मेघ, नहीं जिनको है घुल जाने की चाह वह…