सीतासोहर- मनु रमण “चेतना”

सुन्दर सुभग मिथिला धाम से, पावन पवित्र भूमि रे। ललना रे जहां बसु राज विदेह, प्रजा प्रतिपालक रे। चकमक मिथिलाक मन्दिर, खहखह लागै गहबर रे। ललना रे सिया अइली धरती…

मैं चाहूँ भईया का प्यार-मनु रमण “चेतना”

मैं चाहूँ भईया का प्यार  बहुत प्यारे हैं मेरे भईया माँ पापा के दुलारे हैं मेरे भईया ईश्वर उनकी रक्षा करना वो सुख से खेवे जीवन नैया।। मैं चाहूँ भैया…