मातृभूमि-देव कांत मिश्र

मातृभूमि मातृभूमि है अपनी प्यारी, जन-जन को बतलाना है। इसकी नित रक्षा की खातिर, सुन्दर भाव जगाना है।। देखो माटी चंदन जैसी, लगती कितनी प्यारी है। खुशबू इसकी सौंधी होती,…