ज्ञान खुशी का एक पिटारा ज्ञान बनाए जीवन न्यारा। करें जहां पर ज्ञान बसेरा रहता नहीं दुखों का डेरा। हृदय की गांठ खोलता ज्ञान खुशियों का लगे रोशनदान। झिलमिल करती…
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स्वागत है नववर्ष तुम्हारा- मीरा सिंह “मीरा”
झिलमिल आया नवल सवेरा नव किरणें हैं डालीं डेरा। फुदक फुदक मन हुलस रहा है स्वागत है नववर्ष तुम्हारा।। आयी नूतन भोर सुहानी चलो लिखो अब नयी कहानी। आंखों में…
खुशियों की तलाश में- मीरा सिंह “मीरा”
नए साल की नयी सुबह नए सपने आंखों में सजाए नयी उम्मीदों की अंगुली थामे आंख मिचते आज पूरा पटना सड़कों पर नजर आया सड़कों पर जनसैलाब गजब उमड़ा था…
चूहा जी- मीरा सिंह “मीरा”
(बाल कविता) दौड़े दौड़े घर में आते ताक झांक करते चूहा जी। नए पुराने सारे कपड़े कुतर कुतर जाते चूहा जी। अम्मा मेरी है गुस्साई झट से चूहे दानी लाई।…
बाल पहेलियां- मीरा सिंह “मीरा”
1 देखो दौड़े-दौड़े आएं सभी दिशा में हैं छितराएं कहीं कुछ भी नजर ना आए धुंधली धुंधली सभी दिशाएं।। 2 घर में आती दाना चुगती उड़ती फिरती नभ को छूती…
अनुभव- मीरा सिंह “मीरा”
बहुत काम के अनुभव होते खट्टे मीठे कड़वे तीखे। हाथ पकड़कर हम अनुभव का जीवन पथ पर चलना सीखें। आती है जब कोई मुश्किल अनुभव पड़ता उसके पीछे। संग चले…
पुस्तक सच्ची मित्र हमारी -मीरा सिंह “मीरा”
भला बुरा सबको समझाती हल्का करती हर दुख भारी। हाथ पकड़कर राह दिखाती पुस्तक सच्ची मित्र हमारी।। हर बाधा से हमें बचाती यह जीने का हुनर सिखाती। जब गहराता गहन…
मामा चले ससुराल -मीरा सिंह “मीरा”
बंदर मामा चले ससुराल पहनकर सिर पर टोपी लाल। है उनके साले की शादी मामा पहने कुरता खादी।। साथ चली उनकी बंदरिया सिरपर ओढे लाल चुनरिया। ठुमक ठुमक के पांव…
नेहरू चाचा के राज दुलारे- मीरा सिंह “मीरा”
हम भारत के बच्चे प्यारे चाचा नेहरु के राज दुलारे । भोले भाले मन के सच्चे हम सबकी आंखों के तारे।। मीठी मीठी बात करे हम सारे जग की पीड़…
बैग लेश शनिवार -मीरा सिंह “मीरा”
आया आया आया बैग लेश शनिवार। खुश हैं सारे बच्चे पाकर खुशियां अपार।। खेल खेल में सीखें हम बच्चे नवाचार। सोनू मोनू रजिया हो जाओ सब तैयार।। खुशियां लाया हजार…