यादों के आँगन में-डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव

यादों के आँगन में यादों के “आँगन” में कुछ देर बैठकर, बीती कुछ बातों को “पलकों” में समेटकर। याद किया कैसे तुम “साल” बन कर आए थे,  मैंने भी खुशियों…