सूरज के प्रचण्ड ताप से , अब नहीं कुम्हलाएँ हम । आओ करें श्रृंगार धरा का, हरियाली विकसाएँ हम ॥ पंचभूतों की प्रकृति में, नित्य विष हम घोल रहे, अपने…
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समत्व योग उच्यते – रत्ना प्रिया
सद्ज्ञान के प्रकाश को, चहुँदिश फैलाएँ हम । ‘ समत्व योग उच्यते ’ की भावना विकसाएँ हम ॥ वह देश बनता महान , जहाँ सहज अनुशासन है, योग से सुदृढ़…
माँ – रत्ना प्रिया
माँ माँ, पास बैठो न, ममता भरी गोद में, वात्सल्य की मोद में , सुख-शांति का अनुभव करने दो न । माँ, बड़ी भूख लगी है, अपने पास बिठाओ न,…
शिक्षा के दीप- रत्ना प्रिया
पंचतत्व से निर्मित दिए में , स्नेह- घृत व बाती डालें। हम सब शिक्षक आगे बढ़कर ,नव-शिक्षा के दीप जला लें ।। घना अँधेरा दूर खड़ा हो ,उजाले को वापस…
शिवजी करते हैं कल्याण – रत्ना प्रिया
शीघ्र प्रसन्न हो, भक्तों को जो देते हैं वरदान | शिवजी करते हैं कल्याण, शिवजी करते हैं कल्याण || फूल, पत्र व दूध गंगाजल सहज है शिव को भाते ,…
देशभक्ति के रंग – रत्ना प्रिया
सेऩाओं की गौरव – गाथा, सबको याद जुबानी हो, देशभक्ति के रंग – रॅगा अब, हर इक हिंदुस्तानी हो | हम इस धरती के प्रहरी, भारत मां का सम्मान करें,…
रघुवर के बाल -रूप – रत्ना प्रिया
सौम्य ,शांत रघुवर के, बाल – रूप अनूप हैं | स्नेहसिक्त आचरण में जगन्नाथ स्वरूप हैं || अयोध्या की पुण्यभूमि में, सूर्यवंशी कुल में, खेलें हैं राम पावन, अवध की…
गुरुओं का सम्मान – रत्ना प्रिया
गुरुओं का सम्मान आज दिवस है गुरुओं के सम्मान का , बिहार के अभिमान का | अपनी अथक मेहनत से निरंतर कलम चलाई है , बिहार की गौरव गाथा फिर…
दीवाली आयी है – रत्ना प्रिया
जगमग ज्योति जली दीपों की, यह धरती मुसकायी है, कण-कण आलोकित करने को, यह दीवाली आयी है | नवयुग के नवसृजन हेतु जब भाव सँजोया जाता है, अंधकार को मार…
हिन्दी राष्ट्र की भाषा है – रत्ना प्रिया
हिन्दी को नित पढ़ने की, पढ़ाने की अभिलाषा है | गर्व है हम भारतीयों को, हिन्दी राष्ट्र की भाषा है || उड़े गगन में दूर तलक, जमीं हमेशा याद रहे,…