रिश्ते-अर्चना गुप्ता

रिश्ते रिश्ते होते हैं अमूल्य धरोहर समरस जीवन होते सुखकर हृदय के हर भाव को समझे बहते जैसे निर्झरिणी निर्झर मधुर भावों से सजा उपवन हर रिश्तों का मान रखें…