दिवाली –

ईर्ष्या द्वेष का जो चारो ओर डेरा है, नफरतों का दिल में देखो बसेरा है, एक दूसरे से आगे निकलने के लिए, द्वंद चलता ये तेरा और ये मेरा है।…

बेटियाँ जरूरी होती हैं – रूचिका

धरा की खूबसूरती और बढ़ाने के लिए, रिश्तों को प्रेम रंग में सजाने के लिए, बेटी,बहन,पत्नी,प्रेमिका मॉं ,फुआ, रिश्तों के अनेक रूपों में भावों को सदा ही दिखाने के लिए,…

सरस्वती वंदना-रूचिका

सरस्वती वंदना श्वेतवसना पद्यमासना तू ज्ञान का विस्तार दे, अज्ञानता का तिमिर गहरा तू सदा उबार दे। अभिमान मन में न कोई आये, पार कर लूँ मैं जीवन बाधाएं, मेरी…

मकर संक्रांति-रूचिका

मकर संक्रांति आइये सब मिलजुलकर त्योहार है मनाइए, घर आँगन हर जगह ख़ुशियाँ हैं फैलाइये। रंग बिरंगे पतंगों की तरह छुए आसमान को, कुछ ऐसा ही जतन आप भी कर…

नव वर्ष-रूचिका

नव वर्ष नव संकल्प, नव निश्चय, नव उमंग हो स्वागत कीजिये नव वर्ष का तरंग हो दृढ़ता हिम्मत और संबल बनें सदा, हर दिल में प्रीत का इंद्रधनुषी रंग हो।…

अजातशत्रु अटल-रूचिका

अजातशत्रु अटल अजातशत्रु आप अटल अविचल, पावन पवित्र हृदय आपका निर्मल, भारत भारती के तुम सच्चे लाल, दृढ़ प्रतिज्ञ कवि हृदय आप कोमल। इतिहास रचा आपने भारत में, पोखरण परमाणु…

शिक्षक हूँ मेरा काम सिखाना है दोस्तों-रूचिका

शिक्षक हूँ मेरा काम सिखाना है दोस्तों शिक्षक हूँ मेरा काम सिखाना है दोस्तों, अक्षर अक्षर से पहचान कराना है दोस्तों। अज्ञानता का गहरा तिमिर घना है छाया, अपना ही…