नारी महान हम मानव हैं एक समान बच्चा बूढ़ा नौजवान चाहे नर या नारी महान रखना है इस बात का ध्यान। जन-जन में है बड़ी बुराई भेद-भाव इसने अपनाई बेटों…
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भाईचारा अपनाएँ-विजय सिंह नीलकण्ठ
भाईचारा अपनाएँ स्वार्थ रखने वालों की कभी न बातों में आए हिंदू मुस्लिम सिख इसाई आपस में भाईचारा अपनाएँ। बात-बात पर एक दूजे संग न कभी मतभेद करें प्रेम भाव…
हरदम पढना है-विजय सिंह नीलकण्ठ
हरदम पढना है हम सबको हरदम पढ़ना है कुछ ना कुछ तो ज्ञान बढ़ेगा ज्ञान कलश ऐसा हो जाए जो सागर दिन-रात बहेगा। जो भी मिले उसे पढ़ने से थोड़ा…
तन की सफाई-विजय सिंह नीलकण्ठ
तन की सफाई तन के अंगों की साफ सफाई जन जीवन की दिनचर्या हो स्वस्थ निरोग शरीर रहेगा कोई बीमारी कभी न हो। पग से लेकर शीश तलक हर अंग…
टीचर्स ऑफ बिहार-विजय सिंह नीलकण्ठ
टीचर्स ऑफ बिहार धूमिल हो रही थी योग्यता सरकारी आचार्य की जिसे जगत के आगे लाकर जिसने हम पर उपकार की नाम उनका सभी जानते टीचर्स ऑफ बिहार की। विद्यालय…
हरदम रहते हैं तैनात-विजय सिंह नीलकण्ठ
हरदम रहते हैं तैनात हमसब हैं निर्भीक हो जीते सुख सुविधा की प्याला पीते जिसके कारण यह सब संभव वे कभी न सोते हरदम जगते सीमा पर आए शत्रु के…
बीत गया है बीस-विजय सिंह नीलकण्ठ
बीत गया है बीस बीत गया है बीस आ गया दो हजार इक्कीस कोई नहीं खुश दिखा कहीं पर सबों को मिली एक टीस। जनवरी में ठंड से सब थे…
माँ मुझको भी पढ़ने दो ना-विजय सिंह नीलकण्ठ
माँ मुझको भी पढ़ने दो ना माँ मुझको भी पढ़ने दो ना बहुत हो चुका काम खेत में नौ बजता दिख रहा घड़ी में स्कूल समय से जाने दो ना …
मानव तन-विजय सिंह नीलकण्ठ
मानव तन मानव तन होता है नश्वर जिसे बनाया सबके ईश्वर काली मंदिर है दक्षिणेश्वर सबसे ऊपर हैं परमेश्वर। करें इसका सब सदुपयोग न करना है दुरुपयोग सदुपयोग से स्वास्थ्य…
पानी की बर्बादी रोको-विजय सिंह नीलकण्ठ
पानी की बर्बादी रोको पानी की बर्बादी रोको बर्बाद करे जो उसको टोको जल स्रोतों को ध्यान से देखो कूड़े कचरे न इसमें फेंको। जल से ही जीवन संभव है…