हिंदी की थाती – विनय विश्वा

हिंदी हिंदुस्तान की या हिंदुत्व या भाषा! जिसमें आशाएं बहुत हैं बशर्ते की वह ओढ़ा हुआ न हो उसका अपना स्वाभिमान हो अपनी तरह से जीने की कबीर,सांकृत्यायन,निराला, नागार्जुन की…

गुरू – विनय विश्वा

गुरु वहीं जो ज्ञान बताए भटके हुए को राह दिखाए जीवन मिले ना फिर ये कभी हर मोड़ पर जीवटता सिखाए गुरु वहीं जो ज्ञान बताए मुर्दे में भी जान…

इम्तिहान – विनय विश्वा

  इम्तिहान ललिता अपनी परीक्षा की तैयारी कर रही थी,और साथ ही उसकी सच्ची दोस्त साहिदा उससे कुछ प्रश्न पूछ रही थी, दोनों एक ही विद्यालय में पढ़ाती थी। अब सरकार…

सरदार किसान- विनय विश्वा

किसान हमारे भगवान जो रिरियाये गाए एक कंठ आवाज लगाए बहरी सत्ता ना सुन पाए। खाए उनकी दाल-रोटी उनके सपनों को करके बोटी-बोटी। एक “सरदार” की आन पड़ी है उस…