संक्रांति का पैगाम होशियार खबरदार……….. आ गया मकर संक्रांति का त्योहार, सभी पर्वों से अलग, अनूठा, अनोखा, दिलाता एक सुंदर एहसास, तिल संक्रांति, खिचड़ी पर्व नाम से, यह है जाना…
Tag: विवेक कुमार
पुनः एक बार-विवेक कुमार
पुनः एक बार पुनः एक बार, हो जाइए तैयार, आ रहा कोरोना के तीसरी लहर का वार, कोरोना कर रहा इसी वक्त का इंतजार, बदल रहा रूप, मचा रहा हाहाकार,…
सुस्वागतम 2022-विवेक कुमार
सुस्वागतम 2022 नव वर्ष की शुरुआत, पुराने यादों के साथ, हो जाए एक बार, आज अंतिम बार, कुछ खट्टी कुछ मीठी, भूली बिसरी बात, वर्ष 2021 का कोरोना दहशत में…
सांता अंकल-विवेक कुमार
सांता अंकल लो आ गया क्रिसमस का त्योहार, चलो मनाएं मिल-जुलकर खुशियां अपार, हम बच्चों के लिए आज का दिन है खास, चॉकलेट, गिफ्ट पाने की रहती है आस, आज…
रहमत के बंदे रहीम-विवेक कुमार
रहमत के बंदे रहीम आसमां से आया फरिश्ता, प्यार का सबक सिखलाने, सरजमीं पर रहमत बरसाने, चारों तरफ समभाव जताने, कलम और तलवार था जिनका, आसानी से एक ही कमान,…
बिहार के लाल भारत के भाल-विवेक कुमार
बिहार के लाल भारत के भाल बहुमुखी प्रतिभा के धनी बिहार का लाल, जिसने अपने कार्यों से किया देश को निहाल। जिरादेई के कमलेश्वरी, महादेव का सितारा, अपने कर्मो से…
चाचा नेहरू-विवेक कुमार
चाचा नेहरू निश्छल निर्मल स्वर्ण धरा पर, कोमल संग मुस्कान लिए, कच्ची मिट्टी सा मन है जिसका, भविष्य जिसके भाल है, नव निर्माण का जो आधार, जिसके मन भांप बजाते…
छठ पर्व-विवेक कुमार
छठ पर्व आस्था और विश्वास का, सबसे अनूठा पर्व, कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को आता, यह महापर्व, षष्ठी तिथि के कारण इसे, कहा जाता छठ, होता है गर्व, मनोवांछित…
शिशु की हो बात मां दे सबको मात-विवेक कुमार
शिशु की हो बात मां दे सबको मात जननी को सलाम, यही है शिशु की जान, ईश्वर से ऊंचा दर्जा है इनका होती महान, नव कोंपल को खिलाकर, बनाती उसे…
मिट्टी का दीया-विवेक कुमार
मिट्टी का दीया अरमानों की साज सजा लो, हर घर को तुम सजा धजा लो, अपने मन मंदिर में एक दीप जला लो, सुकून का एक ज्योत जगा लो, धैर्य…