तु केवल लय -ताल नही, तू सप्त स्वर आवाज है तू धरा, पवन,गगन नहीं तू सृष्टि का आगाज है न ग्राम नगर न सड़क गली तू मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा ,…
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