सूरज कब आएगा-मनोज कुमार दुबे

सूरज कब आएगा ठिठुरता धारदार मौसम छील-छील ले जाता है त्वचा बींधता पेशियों को गड़ जाता हड्डियों में/ पहुँच जाता मज्जा तक स्नायुओं से गुज़रता हुआ झनझना दे रहा तुम्हें…