माँ सम्पूर्ण ब्रह्म -स्नेहलता द्विवेदी “आर्या

माँ! शब्द नही ब्रह्म! संतति का सर्वस्व! निर्मल मोहक सौंदर्य! माँ! अद्भुत आनंद! धरा का स्वर्ग। सृष्टि में अतुल्य! माँ! सहती पीड़ा अनंत! मुस्कराते हुये, संतति के लिए! साहस अदम्य!…

प्रेम की शक्ति – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

आओ मिल हम गायें सब गीत, है प्रेम की रीत सुहावनी भाई। प्रेम की शक्ति अपार सुनो, इस शक्ति से पार न दूजो है पाई।। ढाई है आखर प्रेम सुनो,…

मिशन दक्ष – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या

मिशन दक्ष से जुड़कर शिक्षक, शिक्षा का सम्मान कर रहे। वर्ग के कमजोर बच्चों के सपनों को साकार कर रहे।। पाँच पाँच बच्चों को लेकर, सुंदर सुभग बिहान कर रहे।…

भवानी सुन – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘

ममतामयी मातु भवानी सुन, आद्या जननी तू सदगति दे। इहलोक में जगदम्बा सुन ले, भावप्रीता मुझे शरणागति दे। ममतामयी मातु भवानी सुन.. मैं मूढ़मति तू सुन आर्या, हे महातपा मुझे…

अम्बे कण मन में बसती हो-स्नेहलता द्विवेदी आर्या

अम्बे कण मन में बसती हो चमक असुर भयाक्रान्त हुआ, सज्जन साधु मन शांत हुआ। माँ साध्वी परम् तू तेजोमय, चन्द्रघण्टा भगवती मान हुआ। प्रेम स्नेह रसधार सहित, अम्बे कण…

जय माँ शारदे-स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

जय माँ शारदे हे शारदे जगजननी माते, हे सुर धुन ज्ञानी तू वर दे। श्वेताम्बरा सुमति सुमुखी माँ सुन, हे अनहद नादिनी तू स्वर दे। प्रणमामि त्वयं, भजामि तव्यं स्वीकार…