स्वर्ग सा सुन्दर धरा बनाएँ-देव कांत मिश्र दिव्य

स्वर्ग सा सुन्दर धरा बनाएँ धरा हमारी अति पुनीत है विचार मंगल औ सुनीत है। पावन मन को खूब सजाएँ स्वर्ग सा सुभग इसे बनाएंँ।। मिलकर ही विचार हम बोएँ…