स्वर्ग सा सुन्दर धरा बनाएँ धरा हमारी अति पुनीत है विचार मंगल औ सुनीत है। पावन मन को खूब सजाएँ स्वर्ग सा सुभग इसे बनाएंँ।। मिलकर ही विचार हम बोएँ…
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