टीचर्स ऑफ बिहार
टीचर्स ऑफ बिहार ने हम
शिक्षकों को दिया एक ऐसा मंच
जहाँ न कोई कूटनीति है
और न कोई है प्रपंच।
यहाँ योग्यता पूजी जाती
विद्वत का होता सम्मान
जो विद्वत थे अब तक अनजाने
उसे मिला यहीं स्वमुकाम।
नए सोच और नए ज्ञान से
भरा पड़ा इसका भंडार
तरह-तरह की गतिविधियाँ होती
जिसको जाने सारा संसार।
हम सब शिक्षकों को इसपर
होता है अतुल गर्व
सभी एक दूजे से मिलकर
बढ़-चढ़कर मनाते विद्यालय पर्व।
क्रियाशील सब रहते हरदम
यही हमारी है पहचान
अपनी योग्यता और विद्वता
पर न करते कभी अभिमान।
शिक्षा विभाग और मीडिया भी
न थकते करके गुणगान
यही सबों की पूरी होती
शैक्षणिक लालसा व अरमान।
हम सब आभारी हैं उनके
जिनके द्वारा बना यह मंच
ईश्वर उन्हें सदा खुश रखे
खुशियाँ भर दे दोनों अंक।
लेखक :विजय सिंह "नीलकण्ठ"
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