विद्यालय में चहल पहल
विद्यालय का पूरा प्रांगण जैसे
खुशियों से मुस्कुरा रहा है,
बच्चे मन में उत्साह भरे
विद्यालय पहुंच रहे हैं,
रंग-बिरंगे मास्क पहने,
होठों की मुस्कुराहट को
मास्क में छुपा रहे हैं,
पर उनकी यह खुशियां
उनके आंखों में नजर आ रही हैं,
आज फिर से विद्यालय में
चहल-पहल नजर आ रही हैं।
शिक्षकों के बताए हर नियम का
पालन भी बड़ी खुशियों से कर रहे हैं,
समय-समय पर हाथ धोने के
साथ-साथ सामाजिक दूरी
का भी पालन कर रहे हैं,
एक दूसरे दोस्तों से मन की बात
दूर रहकर भी किए जा रहे हैं,
आकर हमारे पास भी,
अपनी मन की प्यारी-प्यारी
बातें कह रहे है,
बच्चों की मधुर आवाज से
पूरे विद्यालय में ऐसा लग रहा है,
जैसे बगिया में चिड़िया चहचहा रही है,
आज फिर से विद्यालय में
चहल-पहल नजर आ रही हैं।
विद्यालय में घंटी की आवाज सुनते ही,
हर बच्चों के चेहरे पर दूसरे शिक्षक के आने की
खुशियो की तेज नजर आ रही है,
अलग-अलग शिक्षक और
अलग विषय आने की खुशी में
एक दूसरे दोस्तों से गुदगुदा रहे हैं,
कई महीनों के बाद यह खुशियां
बच्चों के चेहरे पर नजर आ रही हैं,
आज फिर से विद्यालय में
चहल-पहल नजर आ रही हैं।
बच्चों के बिना स्कूल का हर
कोना सूना-सूना और
वीरान सा लग रहा था,
न हो रही थी कोई चहल-पहल
न मन में उमंग और उत्साह जग रहा था,
बच्चों के आने पर आज हम सभी
शिक्षकों के चेहरे पर भी
वह खुशियां वापस नजर आ रही हैं,
आज फिर से विद्यालय में
चहल-पहल नजर आ रही हैं।
✍️प्रियंका कुमारी ✍️
प्राथमिक विद्यालय रहिया टोल
बायसी पूर्णिया