योग दिवस..कार्तिक कुमार



1️⃣ ताड़ासन

सीधे खड़े हों तन को तान,
ताड़ासन दे ऊँची पहचान।
पैर जमें धरती के संग,
आकाश छुए आत्मविश्वास रंग।
रीढ़ बने मजबूत, स्थिर विचार,
शरीर पाए संतुलित आकार।
श्वास गहरी, मन हो शांत,
योग करे जीवन सुशांत।
सुबह-सुबह अभ्यास महान,
स्वस्थ बने तन-मन-प्राण।
कार्तिक कुमार का यह संदेश,
ताड़ासन से बढ़े विशेष।




2️⃣ पद्मासन

दोनों पाँव जाँघों पर आएँ,
कमल समान हम खिल जाएँ।
रीढ़ सीधी, नेत्र बंद,
मन हो जाए पूर्ण प्रबंध।
श्वास पर टिके ध्यान अपार,
अंतर्मन में उतरे उजियार।
चंचलता धीरे मिट जाए,
शांति स्वयं मन में बस जाए।
ध्यान का यह श्रेष्ठ आसन,
साधना बने जीवन शासन।
कार्तिक कुमार का मधुर गान,
पद्मासन दे आत्मज्ञान।




3️⃣ सिद्धासन

स्थिर शरीर, स्थिर विचार,
सिद्धासन दे संयम सार।
इंद्रियाँ हों वश में आईं,
आत्मशक्ति भीतर समाई।
ध्यान सहज, मन हो एकाग्र,
योग बने जीवन का यज्ञ।
नाड़ी तंत्र को मिले बल,
साधना हो जाए सरल।
नियमित अभ्यास पहचान,
स्वस्थ बने हर एक इंसान।
कार्तिक कुमार का यही विधान,
सिद्धासन दे सिद्धि ज्ञान।




4️⃣ वज्रासन

घुटनों के बल बैठें आज,
वज्रासन योग का राज।
भोजन बाद जो इसे अपनाए,
पाचन शक्ति बढ़ती जाए।
रीढ़ सीधी, मन विश्राम,
योग करे जीवन आसान।
आलस दूर, स्फूर्ति आए,
तन-मन दोनों मुस्काए।
छोटा आसन, बड़ा वरदान,
स्वास्थ्य बने पहचान।
कार्तिक कुमार बताते ज्ञान,
वज्रासन दे कल्याण।




5️⃣ मंडूकासन

मेंढक जैसे बैठें आज,
मंडूकासन योग का राज।
मुट्ठी पेट से लगाते जाएँ,
रोग विकार दूर भगाएँ।
मधुमेह में लाभ दिखाए,
पाचन तंत्र को बल पहुँचाए।
नियमित अभ्यास का उपहार,
तन हो हल्का, मन प्रसार।
संयम सिखाए जीवन मान,
योग बने अनुशासन।
कार्तिक कुमार का यही गान,
मंडूकासन दे समाधान।




6️⃣ सर्वांगासन

सारे अंगों का राजा मान,
सर्वांगासन महान आसन।
शीर्ष नीचे, पाँव आकाश,
शरीर पाए नव प्रकाश।
ग्रंथियाँ हों संतुलित आज,
ऊर्जा बढ़े, घटे अवसाद।
स्मृति, मेधा तेज बढ़े,
तन में नव जीवन चढ़े।
नियमित अभ्यास वरदान,
स्वास्थ्य बने सम्मान।
कार्तिक कुमार का संदेश महान,
सर्वांगासन दे जीवन दान।




7️⃣ भुजंगासन

पेट के बल लेटें हम,
भुजंगासन उठाए दम।
छाती खुले, सिर हो ऊँचा,
रीढ़ बने मजबूत सच्चा।
तनाव दूर, आलस भागे,
मन में नई ऊर्जा जागे।
श्वास गहरी, रक्त संचार,
योग दे तन को आकार।
सुबह अभ्यास श्रेष्ठ जान,
स्वस्थ बने हर इंसान।
कार्तिक कुमार का यही बयान,
भुजंगासन दे उत्थान।




8️⃣ मर्कटासन

मर्कट समान जब तन मड़े,
मर्कटासन योग गढ़े।
कमर, पीठ में लचीलापन,
दूर करे जकड़न, तनावपन।
चपलता आए तन-मन में,
उत्साह भरे हर क्षण में।
सरल आसन, गहरा लाभ,
योग करे जीवन साफ।
नियमित अभ्यास पहचान,
स्वास्थ्य बने अभियान।
कार्तिक कुमार का मधुर गान,
मर्कटासन दे समाधान।




9️⃣ वृक्षासन

एक पाँव धरती पर स्थिर,
दूजा टिके जाँघ के सिर।
हाथ उठें, मन हो शांत,
वृक्षासन दे संतुलन अंत।
एकाग्रता का दीप जले,
चंचल मन स्थिर हो चले।
आत्मविश्वास बढ़े दिन-दिन,
योग दे जीवन को नवीन।
धैर्य सिखाए यह आसन,
सफलता बने अनुशासन।
कार्तिक कुमार का यही गान,
वृक्षासन दे पहचान।




🔟 गोमुखासन

गाय के मुख सा रूप बनाएँ,
गोमुखासन योग अपनाएँ।
कंधे-भुजाएँ हों मजबूत,
तनाव भागे पल में सूट।
ध्यान टिके, श्वास सुधरे,
मन के विकार सब झरें।
मधुमेह में लाभ मिले,
शरीर हल्का, चित्त खिले।
सरल अभ्यास, गहरा ज्ञान,
योग बने जीवन विधान।
कार्तिक कुमार का संदेश महान,
गोमुखासन दे समाधान।




1️⃣1️⃣ अनुलोम–विलोम प्राणायाम

बाएँ-दाएँ श्वास चलाएँ,
अनुलोम-विलोम अपनाएँ।
प्राणशक्ति बढ़ती जाए,
मन की अशांति मिट जाए।
फेफड़े हों मजबूत सदा,
तन में रहे नई स्फुर्दा।
रक्त शुद्ध, मस्तिष्क तेज,
योग करे जीवन विशेष।
सुबह-शाम अभ्यास पहचान,
स्वास्थ्य बने सम्मान।
कार्तिक कुमार का यही ज्ञान,
अनुलोम दे नव प्राण।




1️⃣2️⃣ भ्रामरी प्राणायाम

भौंरे जैसी ध्वनि निकालें,
भ्रामरी से मन संभालें।
क्रोध, चिंता दूर भगाए,
शांति की लहर मन में लाए।
नाड़ी तंत्र को दे बल,
नींद बने गहरी, सरल।
एकाग्रता दिन-दिन बढ़े,
मन प्रसन्नता से गढ़े।
सरल विधि, श्रेष्ठ परिणाम,
योग बने जीवन आराम।
कार्तिक कुमार का यह पैगाम,
भ्रामरी दे शांति धाम।




1️⃣3️⃣ ध्यान

नेत्र बंद, श्वास पर ध्यान,
मन उतरे अंतर्मन स्थान।
विचारों की भीड़ हटे,
आत्मचेतना जब जगे।
धैर्य, शांति, करुणा आए,
जीवन में प्रकाश छाए।
नियमित ध्यान का वरदान,
सुखी बने हर एक इंसान।
मन की शक्ति को पहचान,
योग दे जीवन को सम्मान।
कार्तिक कुमार का यही ध्यान,
ध्यान से मिले आत्मज्ञान।




1️⃣4️⃣ योग (समग्र संदेश)

आसन, प्राणायाम, ध्यान,
योग है जीवन का विज्ञान।
तन को स्वस्थ, मन को शांत,
योग करे जीवन सुशांत।
नियम, संयम, अभ्यास निरंतर,
सफलता आए पल-पल अंतर।
बच्चों में संस्कार जगाए,
योग उज्ज्वल भविष्य बनाए।
भारत की यह धरोहर महान,
सारे जग में बनी पहचान।
कार्तिक कुमार का यही अभियान,
योग से बने श्रेष्ठ इंसान।


छात्र और शिक्षक के नाम समर्पित
राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक
कार्तिक कुमार
मध्य विद्यालय कटरमाला, गोरौल, वैशाली 7004318121

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