श्रद्धा समर्पण उनके प्रति जिनसे अस्तित्वमान आज हम
हमारी श्रद्धापुरीत जलधारा का प्रवाह कुल वृक्ष की जड़ों को
जड़ों के सिंचन से पल्लवित पुष्पित होते शीर्ष हम
श्रद्धान्वित कर्मो से तृप्त होते हमारे पूर्वज
महज अंजुली भर जल से संतुष्ट होते हमारे पूर्वज
स्वर्ग से स्नेह बरसाते हमारे पूर्वज
सनातन की समृद्ध परम्परा के पोषक हमारे पूर्वज
समृद्ध परम्परा के संवाहक हम
हमारी पूर्वजों के प्रति अदभुत अर्पण
पुरखों के लिए हमारा तर्पण
मोक्ष भूमि गया से,,,
✍🏻चंद्रशेखर कुमार गुप्ता
शिक्षक
गया जी बिहार
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