अंतरिक्ष की सैर… रणजीत कुमार

Antriksh ki sair Ranjeet Kushwaha

 

आज यह बात जान लो मुनिया।

अंतरिक्ष की है अपनी दुनिया।।

 

ऊपर देखो नीला गगन।

चमक रहे सूरज दन -दन।।

 

यह देता दिन में हमें उजियारा।

लेकिन यह भी है एक तारा।।

 

रात में चंदा मामा हंसते आते ।

संग में तारे भी टिमटिमाते।।

 

सौरमंडल में ग्रह है आठ।

इस बात की बांध लो गांठ ।।

 

बुध है सबसे छोटा प्यारा ।

सूरज के पास खड़ा बेचारा।।

 

शुक्र है सुंदर चमकदार।

पर है गर्मी से लाचार ।।

 

पृथ्वी पर बस जीवन है ।

क्योंकि इसमें ऑक्सीजन है ।।

 

लाल ग्रह मंगल चमकता।

लोहे के जंग से दमकता।।

 

बृहस्पति ग्रह है सबसे बड़ा ।

इसमें हाइड्रोजन,हीलियम भरा।।

 

शनि के छल्ले कितने सुंदर ।

ग्रह रहता हमेशा इसके अंदर।।

 

यूरेनस नीला ठंडा सा ।

घूमें टेढ़ा- मेंढ़ा अनोखा सा ।।

 

नेप्चून का है बहुत दूर ठिकाना ।

तूफानों का यहां है आना-जाना।।

 

आज यह बात जान लो मुनिया।

अंतरिक्ष की है अपनी दुनिया।।

 

रणजीत कुमार

प्रधान शिक्षक

प्राथमिक विद्यालय राम विलास टोल धर्मपुर रहुआ रोसड़ा समस्तीपुर(बिहार)

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