चहुँओर हैं छाई खुशियाँ,नवकलियांँ मुस्काई है। फ्लोरिडा के तट पर देश की बेटी, आज उतरकर आई है।। साहस शौर्य से भरी वो युवती, धैर्य दृढ़ता का पहन लिबास। नौ माह…
मेरा बिहार मेरी पहचान – भोला प्रसाद शर्मा
बिहार की माटी का क्या कहना, हर कण में बसा एक गहना। ज्ञान की गंगा यहीं से बही, बुद्ध की धरती यही रही । पाटलिपुत्र के गौरव की गाथा ,…
वन हैं धरती की पहचान – सुरेश कुमार गौरव
वन हैं जीवन की पहचान, इनसे धरती रहे महान। शुद्ध हवा औ’ निर्मल पानी, इनसे हरियाली मुस्कानी।। पंछी गाते मीठे स्वर गान, वन देते सबको वरदान। फल-फूलों की यह सौगात,…
होली सबकी प्यारी है- देवकांत मिश्र ‘दिव्य’
आओ स्नेहिल रंग उड़ाओ, पावन होली आई है। बच्चे बूढ़े नर नारी पर, कैसी मस्ती छाई है।। सुंदर है बच्चों की टोली, सबके कर पिचकारी है। गली-गली में शोर मचा…
होली आई रे – विवेक कुमार
फाल्गुन की बयार हो, रंगों की फुहार हो, संग मौसम मेहरबान हो, और मन भी बेकरार हो, जोगिरा स र र उद्गार हो, तो समझना मेरे भाई, कि आई होली…
होठों पर मुस्कान सजे हर बार होली में – रूचिका
नफरतों का गुबार मिट जाए न हो तकरार होली में, प्रेम के सुंदर फूल खिल जाएँ हो इकरार होली में। धरा हो रंगीन, अम्बर भी लगता हसीन, रंगीन हो सारे…
होली का त्योहार- भोला प्रसाद शर्मा
गुलाल की खुशबू, अबीर की बौछार, रंगों में खिल उठे, धरती अपार। होली आई, खुशियाँ लाई, हर दिल में उमंग, हर चेहरे पर प्यार। गूँज रही है गलियाँ, गूँज रहे…
आया रंगों का त्योहार – अमरनाथ त्रिवेदी
आया रंगों का त्योहार, छाई हैं खुशियाँ हजार। होली उत्सव है रंगों की, जीवन धन्य भी करती। पुआ, खीर, गुझिया से, है हम सबका मन भी भरती। समझ के खेलें रंगों का त्योहार,…
फिर देख बहारें होली की – संजय कुमार
जब जोर शीत का ढीला हो मादकता हो उष्ण हवा में प्रकृति में रंग बिखरते हों मृदंग का खनक लुभाता हो ढोलक का शोर बुलाता हो फिर देख बहारें होली…
रंगोत्सव की राधा- रसधारा- सुरेश कुमार गौरव
बरसाने की गलियों में, आज खिला है रंग, बृज की माटी महक रही, प्रेम भरा है संग। राधा संग गोविंद खेले, स्नेह भरा है फाग, गुलाल-गुलाबी उड़ चले, छेड़ें प्रेम…