साथ मिलकर चलें, हम मिलकर रहें, एक दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी। साथ मिलने और चलने से ताकत बढ़े, अरमानों को निश्चित पंख लग जाएँगे। कदम ही कदम यूँ …
माटी का दीया – सुरेश कुमार गौरव
माटी का एक दीया टिमटिमा रहा था अज्ञान उसे घूर रहा था मीठी बयार दीया को बुझाने की सोच रही थी ! मैं सोच रहा था आखिर दीया किसका…
शिक्षा की ज्योति जलाने वाले- अमरनाथ त्रिवेदी
साथ मिलकर चलें, हम मिलकर रहें, एक दिन मंजिल हमें जरूर मिल जाएगी। साथ मिलने और चलने से ताकत बढ़े, अरमानों को निश्चित पंख लग जाएँगे। कदम ही कदम यूँ …
स्वच्छता हमारा मूलमंत्र – अमरनाथ त्रिवेदी
स्वच्छता हमारा मूलमंत्र है, यह शरीर का मजबूत तंत्र है। सबसे यही अनुरोध करें हम, स्वच्छ रहने का यत्न करें सब। हम अपने हाथों की करें सफाई, मम्मी तभी देगी …
देव दिवाली मनाएँ आज- रामकिशोर पाठक
सदियों से आ रही रिवाज, कार्तिक की पूर्णिमा है आज। सुबह-सुवेरे गंगा में जाकर, कर आते स्नान हैं आज। दिव्य रथ रूप धरी धरा, शशि सूर्य चक्र बने आज।…
बच्चों जीवन को सादगी से अपनाना- रुचिका
बच्चों तुम अपनी शरारतें बचा लेना, छोटी-छोटी बातों पर रूठना फिर पल में मान जाना और दिल खोल मुस्कुरा लेना। वो किसी को रोते देख रोना, किसी के खुशी…
भारत के चमकते नूर- अमरनाथ त्रिवेदी
चाचा नेहरू के जन्म दिन पर, हर वर्ष बाल दिवस मनाते हैं। उनके सपने को हर शिक्षक, हर बच्चे को गले लगाते हैं। कोमल मन में जो भाव भरते हैं,…
चाचा नेहरू – रामकिशोर पाठक
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में, किलकारी गूँजी आनंद भवन में। अठारह सौ नवासी का साल, चौदह नवंबर को जन्में लाल। प्रारंभिक शिक्षा अपने परिवेश में, फिर ट्रिनिटी पढ़ने गए…
आओ गीत खुशी के गाएँ- अमरनाथ त्रिवेदी
चलो झूम के नाचें गाएँ , मिल जुलकर हम खुशी मनाएँ। हम प्यारे बच्चे कितने अच्छे, जितने नील गगन के तारे सच्चे। सच्ची बात हम ही हैं करते, नहीं तनिक…
लें सबक प्रदूषण से- अमरनाथ त्रिवेदी
मजा नहीं अब सजा मिलेगी, नित बढ़ते प्रदूषण के खतरे से। होश में आओ हे मानव, रोग फैल रहा दूषित कचरे से।। वायुमंडल भी हुआ प्रदूषित, जीवन शैली भी अब…