अमरों में नाम लिखा लेना – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति

Kumkum

चलते-चलते गर पग दुख जाय
बैठ थोड़ा सुस्ता लेना।
मगर धैर्य खोकर कभी तुम
पग को पीछे ना हटा लेना।
बढ़ जाय जो कभी असमंजस
तो प्रभु का ध्यान लगा लेना।
पाओगे तब अद्भुत ज्ञान तुम
पग को आगे बढ़ा लेना।।

रखना सदा विश्वास तुम उनपे
जग को जिसने रचाया है।
कैसे तुमको वो गिरने देंगे
जिसने तुम्हें बनाया है।
चलते चलो उस मग पे सदा तुम
प्रभु ने जिसे दिखाया है।
चूमेगी खुशियां पग तेरे
फूलों ने राह सजाया है।।

बैठो जरा तुम पास हमारे
बहुत कुछ तुम्हें बताना है।
सीखा है जो बुजुर्गों से हमने
तुमको भी सिखाना है।
खड़े हो जिस राह पर तुम वो
पूर्व का मेरा ठिकाना है।
करना ना कभी बर्बाद समय को
बस यही समझाना है।।

अब ये कदम कहीं रुक नहीं पाए
विश्वास को जगा लेना।
बाँह पसारे खड़ी है मंजिल
गले से उसे लगा लेना।
जीवन वेशकीमती है प्यारे
सार्थक इसे बना लेना।
मरने वाली दुनिया में तुम
अमरों में नाम लिखा लेना।।

कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
शिक्षिका
मध्य विद्यालय बाँक, जमालपुर

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply