आओ मिल नववर्ष मनायें- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

आओ सब मिल नव वर्ष मनायें,
अपने सपने खूब सजायें।

चेतनता का द्योतक है यह,
सृजन का उद्घोषक है यह।

आज मही पर नव वर्ष है आया,
खुशियों का संगम है लाया।

यह नव वर्ष है प्रकृति सम्मत,
हम सबका भी यही है अभिमत।

सृष्टि के इस नव विहान को,
नव वर्ष मंगलमय कर दे।

फुदक-फुदक डाली-डाली पर,
मधुर गीत कोयल सुनाए।

भँवरे बैठे पात-पात पर,
सरस सुखद संगीत सुनाए।

ऐसे वसंत की सरस बहार में,
घर-घर मंगल दीप जलाएँ।

सृजन  की  शक्ति  है  इसमें,
प्रकृति की  भक्ति  है जिसमें।

यह अनुपम है नव वर्ष हमारा,
जो जीवन सुरभित कर दे सारा।

जहाँ प्रकृति मह-मह करती,
खुशबू लोगों के दिल में भरती।

ऐसा पावन नव वर्ष हमारा,
जीवन को अति लगता प्यारा।

यह नव वर्ष प्रकृति का पर्याय है,
नूतन सृजन का भी अध्याय है।

सृजन की सुरभित वेला में,
अपनी चेतना स्वयं जगायें।

धरती से आकाश चमन तक,
अपनी खुशियाँ खूब मनायें।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड-बंदरा, जिला-मुजफ्फरपुर

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