कल हमको तुम ना पाओगे
बताओ कैसे हमें भुलाओगे ?
कैसे उलझनों को सुलझाओगे?
किसपे झुंझलाहटों को बरपाओगे?
कल हमको तुम ना पाओगे
संग किसके तुम मुस्कुराओगे ?
किस्से कहानिया किसको सुनाओगे ?
सिख नए हुनर किसको दिखाओगे ?
कल हमको तुम ना पाओगे
अतीत को वर्तमान कैसे बनाओगे ?
शिकवे रुसवाइयों के किससे गाओगे?
नादानियों का मजाक कैसे उड़ाओगे ?
कल हमको तुम ना पाओगे
पहलु में किसके समाओगे ?
पीड़ा अपनी किसे दिखाओगे?
रूप जीवन का कैसे सजाओगे?
कल हमको तुम ना पाओगे
धुन संगिनी का गुनगुनाओगे ।
बोझ मतभेदों का खुद उठाओगे।
बीते लम्हो की यादे हर ओर पाओगे।।
पर हमको तुम ना पाओगे
पर हमको तुम ना पाओगे
“चंचला तिवारी
तापसी सिंह हाई स्कूल कम इंटर कॉलेज चिरांद, सारण
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