आया जनवरी छाया कुहासा,
फूलने लगा है मेरा स्वांसा ।
आया फरवरी फेके रजाई,
धूप में बैठकर ले रहे जम्हाई।
मार्च आया होली आई,
बच्चों में खुशियाली छाई।
अप्रैल में बैठ डाली पर कोयल,
कू- कू- कू- कू गीत सुनाती।
मई और जून महीने में,
गरमी है मेरे घर आई ।
जुलाई और अगस्त माह में,
बारिश ने है ली अंगराई ।
माह अक्टूबर और नवंबर ने,
त्योहारों की वंशी है बजाई।
दिसंबर बेचारा ठंढी लाया,
दही केला, खाना बंद करवाया।
नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।
0 Likes