आया है नववर्ष- शैलेन्द्र भूषण

प्रतिवर्ष है यह आता
तन-मन को खूब भाता
सृष्टि में फैला अद्भुत
यह कैसा सुखद हर्ष
आया है नववर्ष।

हम कर गये प्रवेश
सदी अगली है विशेष
बीता हुआ हर अब्द
अब बन गया आदर्श
आया है नववर्ष।

शिव की यह सृजित सृष्टि
मानव को मिली दृष्टि
जन-गण है बना आज
स्वयं शक्ति समदर्श
आया है नववर्ष।

दिव्य बनें हर नर-नारी
सुमन सजा हो हर क्यारी
चलें प्रेम पथ पर हम
सबका ऐसा निष्कर्ष
आया है नववर्ष।

मिलजुल प्रण करें आज
भू पर हो रामराज
सुख-शान्ति हो चहुँओर
होवे सबका उत्कर्ष
आया है नववर्ष।

शैलेन्द्र भूषण
प्रधान शिक्षक
न. प्रा. वि. पकड़िया भूमिहार टोला
प्रखंड-हरसिद्धि, जिला-पूर्वी चम्पारण

2 Likes
Spread the love

Leave a Reply