खींची रेखा किस्मत की,
बर्षों की थी इंतजार,
कोसों दूर आन मिली,ईश्वर की लीला जान।
माँग है सिंदूरी लाल,
बिंदिया है सजी भाल
मुस्कान अधरों पर,पतिव्रता अभिमान।
करती निर्जला व्रत,
जागती हूँ रातभर,
दीर्घ आयु की कामना,पुजारिन हूँ नदान।
शिव-शक्ति को अर्पण,
श्रद्धा पुष्प गंगा नीर,
जप-तप शंखनाद,कर रही श्रद्धादान।
एस.के.पूनम
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