खूब लगायेें पेड़ (दोहा छंद)
कुदरत को हमने दिया, विविध रूप से छेड़।
आओ लें संकल्प अब , खूब लगायें पेड़।।
कूड़ा- कचरा का सखे,करो उचित निपटान।
वैज्ञानिक विधि हीं यहाँ, सबसे बड़ा निदान।।
धुआँ धूल से हो रहे , लोग बहुत बीमार।
पेड़ लगाकर हम करें, जन – जन का उपचार।।
पाॅलीथिन का हम कभी, करें नहीं उपयोग।।
घर – घर में फैला रहा, जाकर सीधे रोग।।
नदियाँ सूखी तरु कटे, वन भी दिखे उदास।
जलचर – नभचर रो रहे, कैसे बूझे प्यास।।
प्राणवायु हमको मिले, आओ रोपें पेड़।
जंगल में भी दिख पड़े, बाघ, लोमड़ी भेड़ ।।
शादी हो या जन्मदिन, फिर कोई त्यौहार।
आओ लें संकल्प सब, वृक्ष लगाएँ यार।।
रचनाकार
मनु कुमारी,
विशिष्ट शिक्षिका, मध्य विद्यालय सुरीगाँव, बायसी पूर्णियाँ ।
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