एक ध्वज एक राष्ट्र एक गान
नियमों का पुलिंदा है संविधान।
राष्ट्र हित में एकजुट हो रहे सब,
जय जन भारत गणतंत्र महान।
विभिन्न भाषा विभिन्न बोली है,
विभिन्न हैं रहन-सहन,खान-पान।
सबके लिए हो समान अवसर,
न्याय भी रहे सबके लिए एक समान।
अनेकता में एकता है मूल मंत्र,
जन-जन का है यह मजबूत तंत्र।
गणों का है ये राज्य जाने सभी,
विश्व में भी सम्मानित यह गणतंत्र।
राष्ट्रपति रहे सर्वोपरि चलाए शासन
अनेक राजनीतिक दल रखें अनुशासन।
प्रधानमंत्री के कैबिनेट में नियम बनें,
लाल किले की प्राचीर से दें वो भाषण।
तिरंगे की शान में गाएँ सब राष्ट्रगान,
जय जन भारत हमारा है भारत महान।
इसकी रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहें,
सर्वधर्म समभाव बने इसकी पहचान।
रूचिका
रा.उ.म.वि. तेनुआ,गुठनी सीवान, बिहार
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