फल फूल अन्न मिले,
पौष्टिक भोजन मिले,
परम नमनीय है, पसीना किसान के।
देश की वो रीढ़ होते,
धरती में बीज होते,
जिनसे आबाद मिट्टी, खेत खलियान के।
देश के अनेकों वीर,
लिखते हैं तकदीर,
दुनिया में ऊंचा किया, मस्तक विज्ञान के।
सदा यश गान करें,
वीरों का सम्मान करें,
जिससे कायम रहे, हौसला जवान के।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना
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