चलते हैं गाँवों की छाँह में,
है कलम मसिदानी साथ में।
रहते हैं लोग जहाँ अंधेरे में,
हर्ष वहाँ ज्ञान दीप जलाने में।
पढ़ती है अपनी बेटियाँ भी,
काटी है घुटन की बेडियाँ भी,
रहते हैं तैयार गुरुजन भी,
कर समर्पित अपना मन भी।
चूमे गगन और पहुँचे सरहद पार,
सफलता पाओ तुम सब बारंबार,
आशावान देश तुम नौनिहालों से,
मिले आशीष गुरु के सानिध्य से।
एस. के. पूनम
प्राथमिक विद्यालय बेलदारी टोला, फुलवारीशरीफ
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